देख नहीं सकती लेकिन हर परीक्षा में फर्स्ट रही, टीचर बन समाज सेवा का जुनून जीना चाहती है

पटनाकेआदर्शकन्यामध्यविद्यालयअदालतगंजमेंबुधवारसुबहसेहीखुशियांपसरीहुईथी।उत्साहऔरउमंगसेलबरेजयुवामेनगेटपरटंगेलिस्टकेहिसाबसेस्कूलमेंएंट्रीकररहेथे।इसकेबादनिर्धारितजगहपरबैठकरप्रारंभिकशिक्षककेउसज्वाइनिंगलेटरकाइंतजारकररहेथेजिसकीराहयेपिछलेतीनवर्षोंसेदेखरहेथे।

लगभग150सेज्यादाअभ्यर्थियोंकीभीड़मेंसबसेअगलीकतारमें30सालकीशारदाभीशामिलथी।एकदमशांतऔरखामोश।हाथोंमेंप्रमाणपत्रोंकापुलिंदालिएजीवनकेसबसेकीमतीकागजकोरिसीवकरनेकेलिएवहयहांआईथी।शारदापूरीतरहदृष्टिबाधितहै।कहतीहैंकिमैट्रिकसेलेकरडीएलएडतककीपढ़ाईमेंकभीसेकेंडनहींआईहै।समाजसेवाउनकाजुनूनहै।टीचरबनवेअपनेइसजुनूनकोजीएंगीऔरइसमेंभीफर्स्टहोनाचाहतीहैं।

कॉलेजपहुंचनेकेलिएकरनापड़ासंघर्ष

शारदाकहतीहैंकिपरिवारसेलेकरक्लासतककभीभीदृष्टिबाधितहोनेकाअहसासनहींहुआ।हरजगहसेभरपूरसहयोगमिला।सभीनेआगेबढ़नेकेलिएप्रेरितकिया,लेकिनसबसेमुश्किलयात्राकेदौरानहुई।घरसेकॉलेजजानेमेंकईबाररास्ताभटकजातेथे।कईबारलोगहेल्पतोकरदेतेथेलेकिनज्यादातरलोगतानेमारतेथे।

बच्चोंकेशिक्षितहोनेसेसमाजशिक्षितहोगा

सारणकेमशरककीरहनेवालीशारदा2007मेंमैट्रिककीपरीक्षापासकीथीं।इसकेबादइंटरऔर2010-12मेंडीएलएडकीपरीक्षापासकी।वहकहतीहैंकिसमाजकोसुधारनेकेलिएजरूरीहैशिक्षितहोना।उनकीख़्वाहिशसमाजसेवाकीथी।इसकेमाध्यमसेवोअपनीहसरतकोपूराकरेगी।