हकीकत खेल की: गुरू न शिष्य, कैसे पैदा हों ध्यान चंद
मैनपुरी,जागरणसंवाददाता।हॉकीकानामआतेहीजेहनमेंमेजरध्यानचंदकानामकौंधनेलगताहै,लेकिनजिलेमेंआजतककोईखिलाड़ीइसमेंपारंगतनहींहोसका।स्टेडियममेंमैदानहोनेकेबादभीस्टिकपकड़नेकोयुवासामनेनहींआरहेहैं।कोचकीकमीभीशिष्योंकोध्यानचंदनहींबननेदेरहीहै।स्कूल-कॉलेजोंभीइसखेलकोबढ़ावादेनेकेलिएप्रयासनहींकिएजारहेहैं।
जिलेकेयुवाओंकोखेलोंमेंनिखारनेकेलिएस्टेडियमतोहै,लेकिनद्रोणाचार्यकीकमीसेशिष्योंकीखिलाड़ीबननेकीमहात्वाकांक्षापूरीनहींहोपारहीहै।स्टेडियममेंतोकेवलक्रिकेटऔरवॉलीबालकोनिखाराजाताहै।बोर्डपरहॉकीकानामतोअंकितहै,हॉकीकेलिएमैदानभीहै।इसकेबादभीयहांइसकीगतिविधियांशून्यहैं।कारण,खिलाड़ियोंकेलिएहॉकीकाकोईप्रशिक्षकहीनहींहै।स्कूल-कॉलेजभीजागरूकनहीं
हॉकीकोबढ़ावादेनेऔरखिलाड़ियोंकोनिखारनेकेलिएशिक्षणसंस्थाएंभीआगेबढ़करस्टिकपकड़ानेमेंफेलहीदिखरहीहै।शहरकेजीआइसी,क्रिश्चियनकेअलावाजिलाकेसंस्थागतऔरव्यक्तिगतस्कूलोंमेंहॉकीखेलयाप्रशिक्षणभीनहींहोताहै।जीआइसीकेप्रधानाचार्यसुरेशचंदराजपूतकहतेहैंकिहॉकीकेलिएकोईविद्यार्थीतैयारनहींहोता,जबकिदूसरेखेलोंमेंअपनानेवालेखूबसामनेआतेहैं।हॉकीकेलिएस्कूलऔरजिलास्तरपरकोचकाअभावभीउन्होंनेइसकीखासवजहबताया।
मेजरकेजन्मदिनपरऔपचारिकता
हॉकीकेजादूगरमेजरध्यानचंदकेजन्मदिन28अगस्तकोशहरमेंइसखेलकेनामपरकुछऔपचारितानिभाईजातीहै।सेंटमेरीजऔरसुदितिग्लोबलएकेडमी,अमनइंटरनेशनलस्कूलकीओरसेहॉकीकोलेकरकुछप्रयासखेलकेनामपरउसीदिनकिएजातेहै।
तीससालपहलेबोलतीथीस्टिक
शहरमेंतीनदशकपहलेतकहॉकीकाबोलबालाथा।तमामयुवाहाथोंमेंस्टिकलिएसुबहऔरशामक्रिश्चियनकॉलेजकेमैदानकीओरजातेदिखतेथे।सालमेंभीकईप्रदेशस्तरीयटूर्नामेंटयहांहुआकरतेथे।खिलाड़ीप्रदीपचौहानबतातेहैंकिमहंगीस्टिकहोनेसेयहखेलशहरऔरजिलासेदूरचलागया।
हॉकीकेउत्थानकेलिएशहरऔरजिलामेंकोईसार्थकप्रयासनहींहुए।हॉकीखेलकोबढ़ावादेनेकेलिएयहांकोईसंघऔरसंगठनभीनहींबनसकाहै।खेलसंघनहींहोनेकीवजहसेभीहॉकीजिलामेंअबतकउत्थाननहींकरसकीहै।
स्टेडियममेंहॉकीकेलिएमैदानहै,लेकिनकोचनहींहोनेसेजिलास्तरीयटीमभीनहींबनसकीहै।अबइसविद्याकाकोईखिलाड़ीयायुवकप्रशिक्षणआदिकीजानकारीलेनेभीनहींआताहै।कोचकेबारेमेंशासनसेपूर्वमेंपत्राचारभीहुआहै।
केपीसिंह,जिलाक्रीड़ाअधिकारी।