जब दुनिया बच्चों को रटने से हटाकर रचनात्मक बनाने पर लगी है तब हम परीक्षा को आसान बनाने में लगे हुए हैं

[ सृजनपालसिंह]:एकबारएककिसाननेएकव्यापारीसेपूछा,मैंअपनेगेहूंकीबालीकीलंबाईकैसेबढ़ासकताहूं?इसपरव्यापारीनेकहाकिअपनेखेतपरमेहनतकरकेतुमऐसाकरसकतेहो।किसाननेजवाबदिया,लेकिनमुझेऔरमेहनतनहींकरनी।कुछआसानरास्ताबताओ।व्यापारीनेहंसतेहुएकहाकिफिरतोतुमअपनेनापनेकापैमानाहीछोटाकरलो।बालीअपनेआपलंबीलगनेलगेगी।कुछयहीहालहमारीबोर्डकीपरीक्षाओंकाहै।अगरहमइसवर्षकीबोर्डपरीक्षाओंकेपरिणामऔरखासकरबारहवींकेपरीक्षापरिणामदेखेंतोऐसालगेगाकिअलग-अलगबोर्डसबसेज्यादानंबरदेनेकीप्रतिस्पर्धामेंहैं।

सीबीएसईके12वींकेनतीजोंमेंइसवर्ष38,000सेभीअधिकछात्रोंके95फीसदसेज्यादानंबर

सीबीएसईके12वींकेनतीजोंमेंइसवर्ष38,000सेभीअधिकछात्रोंके95प्रतिशतसेज्यादानंबरहैं।पिछलेवर्षयहआंकड़ा17,000था।90प्रतिशतसेज्यादाअंक158,000छात्रोंकेआए।पिछलेसालऐसेछात्रोंकीसंख्या94,000थी।पिछलेसालकाटॉपरएकनंबरकीकमीसेशत-प्रतिशतनंबरपानेसेरहगयाथा।इसबारसीबीएसईमेंटॉपरको600मेंसे600अंकमिलेयायहकहिएकिदिएगए।

टॉपर्सकीसंख्यामें10गुनाबढोतरी

अगरआपनेमेरीतरहइसशताब्दीकेपहलेदशकयाउससेपहलेअपनीबोर्डपरीक्षादीहोऔरआपकोअपनेनंबरयादहोंतोआपकोपताचलेगाकितबकिसीभीभाषायाइतिहासजैसेविषयमेंशतप्रतिशतअंकलानाअसंभवथा,लेकिनअबआश्चर्यजनकरूपसेयहसंभवहै।2008मेंकरीब1.5प्रतिशतछात्र90प्रतिशतकेऊपरअंकलातेथे।इसवर्षयहआंकड़ा15प्रतिशतहै।सोचनेकीबातहैकिहमारेस्कूलोंमेंऐसाक्याहोगयाहैकिटॉपर्सकीसंख्या10गुनीहोगईहै?गेहूंकीबालीबढ़ीहैयानापनेकापैमानाहीछोटाहोगयाहै?

वर्षदरवर्षबढ़तेहुएअंकोंसेसबसेज्यादाफायदास्कूलोंऔरकोचिंगइंस्टीट्यूटकोहोताहै

90प्रतिशतनंबरपानेवालाबच्चाभीआजअफसोसकरताहैकिकाशकुछनंबरऔरआजातेऔरउधर94-95प्रतिशतनंबरलानेवालेकोभीपतानहींकिक्याउसेमनचाहेकॉलेजमेंएडमिशनमिलेगा?वर्षदरवर्षबढ़तेहुएअंकोंसेसबसेज्यादाफायदास्कूलोंऔरकोचिंगइंस्टीट्यूटकोहोताहै।लगेहाथबोर्डभीअपनीपीठथपथपालेताहैकिउसनेइसबारबेहतरीननंबरोंवालीएकनईनस्लबनाडाली,मगरनंबरोंकीअंधीदौड़मेंहारनेवालासिर्फएकहै-देशकायुवा।

वेपन्नेजिनसेपरीक्षामेंसवालनहींआते,बिनापलटेहीपड़ेरहजातेहैं

यहविडंबनानहींतोऔरक्याहैकिडेढ़सौसालपुरानीपरीक्षापद्धति,जिसमेंसाराध्यानसिर्फतथ्योंकोयादरखनेमेंहोताहै,कोपकड़करभारतकीशिक्षाव्यवस्था21वींसदीकायुवातैयारकरनेमेंलगीहै?नंबरोंकेढेरबटोरनेमेंलगेबच्चेशायदहीकभीपाठ्यक्रमकेबाहरजाकरज्ञानकीखोजमेंलगतेहैं।किताबोंकेवेपन्नेजिनसेपरीक्षामेंसवालनहींआते,बिनापलटेहीपड़ेरहतेहैं।

प्रतिशतबढ़ानेकीमृगतृष्णामेंहमनेकिशोरोंऔरयुवाओंकीजिज्ञासाकादमनकरदिया

जबदुनियाबच्चोंकोरटनेसेहटाकररचनात्मकबनानेपरलगीहैतबहमपरीक्षाकोऔरभीआसानबनाकरबेहतरनंबरदेनेऔरदिखानेमेंलगेहुएहैं।आखिरहमइससेक्याहासिलकरपारहेहैं?प्रतिशतबढ़ानेकीइसमृगतृष्णामेंहमनेकिशोरोंऔरयुवाओंकीजिज्ञासाकादमनकरदियाहै।ऐसेमाहौलमेंहमयहअपेक्षाकैसेकरेंकिहमारेकिशोरऔरयुवाकुछहटकरसोचेंगे,उद्यमीबनेंगेयानोबेलपुरस्कारजीतेंगेअथवागूगल,फेसबुकजैसेउद्यमखड़ाकरेंगे?

परीक्षामेंछात्रोंकोसबकुछसरलपरोसाजारहाहै

जीवनमेंएकबहुतबड़ागुणयहहोताहैकिहमकिसप्रकारसेअपनासमय-जटिलऔरसरलप्रश्नोंकाहलकरनेमेंबांटे।कभी-कभीइसकाअर्थयहहोताहैकिहमजटिलसमस्याओंकासंपूर्णसमाधाननहींनिकालपाते,मगरआजहमारीशिक्षापद्धतिसवालोंकोआसानकरनेकीहोड़मेंलगीहुईहै।छात्रोंकोसबकुछसरलपरोसाजारहाहै।इससेदुनियाकोदिखानेकेलिएअच्छेनंबरतोमिलजाएंगे,मगरजीवनशास्त्रकेकुछमहत्वपूर्णअध्यायहमछोड़देंगे।

अंकवर्धनऔरअंकप्रदर्शन चलतारहातोविश्वविद्यालयोंकोअलगसेप्रवेशपरीक्षाकरानीहोगी

इसअंकवर्धनऔरअंकप्रदर्शनकाकोईविशेषलाभछात्रोंकोनहींमिलनेवाला।यहचलतारहातोआगेचलकरविश्वविद्यालयोंऔरकॉलेजोंकोबोर्डअंकोंकोपूरीतरहसेनजरअंदाजकरतेहुएअपनीअलगप्रवेशपरीक्षाकरानीहोगी।इससेअभिभावकोंकाखर्चबढ़ेगा,शिक्षापद्धतिजटिलहोगीऔरसबसेज्यादानुकसानउनबच्चोंकोहोगाजोआर्थिक रूपसेकमजोरहैं।बार-बारटेस्टकीफीसदेनेमेंउन्हेंंहीसबसेज्यादापरेशानीहोगी।जाहिरहैइससेसंसाधनोंपरबोझबढे़गाऔरसाथहीबोर्डपरीक्षाओंकीमहत्ताऔरभीकमहोगी।

अंकोंकीहोड़मेंबच्चेजुकरबर्ग,कलामनहींबनसकते

गलतीअभिभावकोंकीभीहै।आखिरक्योंहमअपनेबच्चोंकेस्कूलोंकाचयनसिर्फइसपैमानेसेतयकरतेहैंकिकिसस्कूलमेंकितनेबच्चेटॉपरहुए?हमचाहतेहैंकिहमारेबच्चेजुकरबर्गबनें,कलामबनें,एलनमस्कबने,धोनीबनें,मगरहमभूलजातेहैंकिइनमेंसेकोईभीसिर्फअंकोंकीहोड़मेंनहींलगाथा।इनमेंसेकोईभीक्लासकाटॉपरनहींथा।10-12सालतकदीगईशिक्षाकोहमतीनघंटेकीबोर्डपरीक्षामेंपूरीतरहसेआंकलेंगे,यहसोचनानासमझीहै।दुर्भाग्यसेहमदशकोंसेयहीकरतेआरहेहैं।

दुनियामेंसफलव्यक्तिकोमिलीअसफलतासेसीख

दुनियामेंकिसीभीसफलव्यक्तिसेपूछिएकिउसकासबसेबड़ाहथियारक्याहै?जवाबमिलेगाअसफलतासेमिलीसीख।क्याहमआजबच्चोंकोयहसिखारहेहैंकिजीवनकेकुछप्रश्नोंपरअसफलताभीमिलसकतीहै?क्याहमउन्हेंंयहबतारहेहैंकिवास्तविकजीवनमेंपरिणामकभीशत-प्रतिशतनहींहोते?इनसवालोंकेसाथमैंउसकहानीपरफिरसेआताहूंजिसकाउल्लेखइसलेखकीशुरुआतमेंकियाहै।

गेहूंकेवजनकादामदेताहूं,बालीकीलंबाईकानहीं

जबव्यापारीनेकिसानसेबोलाकिफिरअपनेनापनेकापैमानाहीछोटाकरलोतोकिसानकोयहबातअच्छीतोलगी,फिरभीउसनेपूछा,अगरमैंअपनापैमानाआधाकरदूंतोक्यातुममुझेगेंहूकादामदोगुनादोगे?व्यापारीझल्लातेहुएबोला,नासमझमतबनो।मैंगेहूंकेवजनकादामदेताहूं,बालीकीलंबाईकानहीं।आखिरहमयहकबसमझेंगेकिहमनेबालीकीलंबाईज्यादादिखानेकेलिएअपनापैमानाछोटाकरदियाहै?क्याकारणहैकिकोईगेहूंकेवजनपरध्याननहींदेरहाहै?

(एपीजेअब्दुलकलामकेसलाहकाररहेलेखककलामसेंटरकेसीईओहैं)