कार सेवा का था चाव, राजकुमार-प्रेम स्वरूप ने खेला नौकरी का दांव
सुशीलभाटिया,फरीदाबाद
उसजमानेमेंमैंथातोकट्टरकांग्रेसीऔरसरकारीसेवामेंभीथा,पर1992मेंअयोध्याजानेकीतैयारीकरली।इसपरमुझेकुछलोगोंनेतानामाराकिकांग्रेसीहोकरभीकारसेवाकेलिएजारहेहो।तबमुझेयहबातचुभगई।रामकिसीएककेनहीं,वेतोसभीहिदुओंकेहृदयमेंबसतेहैं।मुझेप्रभुरामकेमंदिरबनानेमेंयोगदानदेनेसेकौनरोकसकताहै।बसनौकरीकीपरवाहकिएबिनापहुंचगयाअन्यकारसेवकोंकेसाथअयोध्या।कुछइसअंदाजमेंऔद्योगिकनगरीकेसबसेबुजुर्गकारसेवकोंमेंसेएकलगभग89वर्षीयराजकुमारशर्मानेअपनेसंस्मरणसुनानेकीशुरुआतकी।
वर्ष1932अविभाजितभारतकेझंगजिले(अबपाकिस्तानमें)जन्मेऔरजिलाउपायुक्तकार्यालयसेउपाधीक्षककेपदसेसेवानिवृत्तराजकुमारशर्माकेअनुसार,विवादितढांचाउनकेसामनेगिराऔरकईशहीदभीहुए।कर्फ्यूसेबचतेहुएवापसलौटे,तोअपनेशहरमेंपुलिसउन्हेंतलाशरहीथी।इसपरअंडरग्राउंडहोनापड़ा,परपुलिसभाईकोउठालेगई।ऐसेमेंनौकरीपरसंकटआखड़ाहोगयाथा।खैरकुछसमयतकमामलागरमरहा।प्रभुरामकेकामसेगएथे,इसलिएनौकरीबचगई।अबबेहिसाबखुशीहैकिमंदिरबनरहाहै।सौभाग्यशालीहूंदोबारगयाकारसेवामें
प्रेमस्वरूपखत्री1990व92मेंदोनोंबारअयोध्याश्रीराममंदिरकेनिर्माणकेलिएकारसेवकबनकरगए।अब84वर्षीयखत्रीनेबतायाकिउससमयसरकारीप्रेसफर्मचेन्नईमेंकार्यरतथे,लेकिनप्रभुरामकेप्रतिभक्तिभाववकारसेवाकेप्रतिचावकीवजहसेअपनीनौकरीभीदांवपरलगादीथी।अयोध्यामेंलालकृष्णआडवाणीभाषणदेरहेथे।अचानकभगदड़मचीऔरजोशीलेकारसेवकविवादितढांचेकेऊपरचढ़गए।देखतेहीदेखतेढांचाटूटगया।इसमेंअशोकसिंहलकोभीचोटेंआई।प्रेमस्वरूपकेअनुसार,अशोकसिंहलजीएककार्यक्रममेंफरीदाबादआएथे।तबसेउनकासानिध्यमिलाथा,इसलिएजान-पहचानहोगई।उनकोचोटलगनेपरअपनागमछादियाबांधनेको।वापसीपरएकअलगतरहकीखुशीवचेहरेपरसंतुष्टिकेभावथेऔरअबज्यादाखुशीइसबातकीहैकिदोबारकीसेवासफलहोरहीहैऔरअबमंदिरबननेजारहाहै।मुझेमिलाबलिदानीकोठारीबंधुओंकोकंधादेनेकासौभाग्य:राधेश्याम
कारसेवकोंमेंशुमारराधेश्यामशर्माऐसीशख्सियतहैं,जिन्हेंराममंदिरआंदोलनमेंविवादितढांचेपरभगवाध्वजलहरातेहुएगोलियांखाकरशहादतदेनेवालेकोठारीबंधुओंरामकुमारऔरशरदकीअर्थीकोकंधादेनेकामौकामिला।राधेश्यामकहतेहैंकि28अक्टूबरकोकठिनमार्गोसेहोतेहुएरात-दिनकभीपैदल,कभीटेंपोसेहोतेहुएरात्रिकोगोसाईगंजपहुंचेथे।30अक्टूबर,1990कोकोठारीबंधुदेखतेहीदेखतेविवादितढांचेपरचढ़गएऔरभगवाझंडालहरादिया।माहौलइसकदरजोशीलाथाकिहरतरफहर-हरमहादेवऔरजयश्रीरामकेजयघोषकेस्वरहीसुनाईदेरहेथे।इसपरपुलिसनेफायरिगशुरूकरदीथीऔरदोनोंकोबलिदानदेनापड़ा।हमस्वयंकोसौभाग्यशालीमानतेहैंकिऐसेअमरबलिदानियोंकेअंतिमसंस्कारमेंशामिलहोनेकाअवसरमिला।जोलाठियांखाई,उसकाअबपुण्यफलमिला:महेंद्रनागपाल
कारसेवामें1990मेंजानेवालोंमेंशामिलबचपनसेआरएसएसकेस्वयंसेवकरहेमहेंद्रनागपालकेअनुसार,वोकिशनचंदभाटिया,अमीरचंदचावला,बंसीलालसिदाना,सोहनलालभाटिया,ओमप्रकाशकेसाथगएथे।बड़ीसंख्यामेंसाधुसंतभीथे।उनमेंकईगुस्सैलथेऔरपुलिसकर्मियोंसेउलझजातेथे।तबपुलिसनेहमलोगोंकोजेलमेंडालदिया।26अक्टूबरकोवहांलाठीचार्जभीहुआ।एकसाधुपरलाठीपड़नेपरउनकेऊपरलेटगया।लाठीचार्जमेंबाएंहाथपरफ्रेक्चरहोगया।अबपांचअगस्तकोप्रधानमंत्रीमंदिरनिर्माणकीनींवरखरहेहैं।बेहदखुशीकामौकाहै।यहहमारीकारसेवाकाएकतरहसेपुण्यफलहैकिअपनेसामनेमंदिरबनतादेखेंगे।