मिथिला संस्कृति अद्भुत, मिथिला में विद्वान व विभूतियों का भंडार

मधुबनी।मिथिलांचलसर्वांगीणविकाससंस्थानबेनीपट्टीकेद्वाराआयोजित36वांतीनदिवसीयमिथिलाविभूतिस्मृतिपर्वसमारोहकेतीसरेदिनशनिवारकीरातसंस्थानकेअध्यक्षअमरनाथझाभोलनएवंसंस्थाकेमुख्यसंरक्षकववरिष्ठसमाजसेवीनंदकुमारझातथाउपाध्यक्षडॉ.एमटीरेजानेसंयुक्तरूपसेदीपप्रज्वलितकरउद्घाटनकिया।इसअवसरपरसंस्थानकेअध्यक्षश्रीझानेकहाकिमहाकविविद्यापतिलोकभाषाओंकेआदिरचनाकारवहमारीसंस्कृतकेआदर्शपुरुषवराष्ट्रकीविभूतिथे।मिथिलाराज्यकीस्थापनावमैथिलीमिथिलाकेउत्थानवविकासपलायनकोरोकने,रोजगारवबंदपड़ेउद्योगधंधेकोचालूकियेजानेएवंआर्थिकआजादीकोलेकरआंदोलनकीआवश्यकताहै।संस्थानविगत36वर्षोसेमिथिला,मैथिलीकेविकासकेलिएनिरंतरआवाजउठारहीहै।सरकारप्राथमिकवउच्चविद्यालयोंमेंमैथिलीकेशिक्षककोबहालकरें।इसअवसरसंस्थानकेमुख्यसंरक्षकववरिष्ठसमाजसेवीनंदकुमारझानेकहाकिमिथिलाकीसंस्कृतिकीविश्वमेंएकअलगपहचानहै।वहींमहाकविविद्यापतिअपनीरचनाकेमाध्यमसेसमाजमेंफैलेकुरीतियोंकोसमाप्तकरनेमेंसार्थकसाबितहुएथे।मिथिलाकीसंस्कृतिअद्भुतहै।महाकविविद्यापतिलोकभाषाओंकेआदिरचनाकारहै।मिथिलाज्ञानकेलिएप्रसिद्धहैजहांमिथिलामेंविद्वानवविभूतियोंकाभंडारहै।महाकविविद्यापतिकीरचनाबालविवाहवसमाजमेंफैलेकुरीतियोंकोदूरकरनेमेंसार्थकसाबितहुई।विद्यापतिमिथिलाकीपहचानहैसाथहीहमारीसंस्कृतिकेआदर्शपुरुषहैं।विश्वमेंमिथिलाकीसंस्कृतिकोगौरवकेरूपमेंदेखाजाताहै।मैथिलीआठवींअनुसूचीमेंशामिलहै।जहांयुपीएससीमेंमैथिलीविषयसेचयनहोरहाहैदुखकीबातहैकिहमअपनीभाषाकोभूलरहेहैं।

इसअवसरपरअपनेअध्यक्षीयभाषणमेंपत्रकारप्रो.मदनकुमारझानेकहाकिमिथिलाकीभूमिऔरसाहित्यभारतकेइतिहासमेंचर्चितहै।भारतीयदर्शनकेछहस्तंभमेंचारस्तंभकामिथिलामेंजन्महुआथा।महाकविविद्यापतिकीरचनानेनकेवलमिथिलावरणबंगालऔरअसामकोभीप्रभावितकियाहै।मिथिलाकीसंस्कृतिउन्नतहै।साथहीमहाकविविद्यापतिजन-जनकेकविथे।इसअवसरपरउपाध्यक्षडॉ.एमटीरेजानेकहाकिमिथिलामेंरहनेवालेसभीमैथिलहैंवहींमिथिलांचलमेंविद्वानवविभूतियोंकीकमीनहींहै।महाकविविद्यापतिलोकभाषाओंकेआदिरचनाकारथे।कार्यक्रममेंकिसानजागरूकताविकाससमितिकेसचिवकमलकुमारझानेकहाकिमहाकविविद्यापतिहमारेसंस्कृतकेआदर्शपुरुषवराष्ट्रकीविभूतिथे।बाबाविद्यापतिअपनीरचनाकीमाध्यमसेसमाजमेंफैलेकुरीतियोंकोदूरकरनेमेंसार्थककदमउठायाथा।इसअवसरपरमुख्यप्रवक्तापत्रकारसंतोषकुमारमिश्र,डॉ.नवीनकुमारझा,भाग्यनारायणझा,संजीवकुमारचौधरी,डॉ.वागीशकांतझा,विनयकुमारझा,कमलकांतठाकुर,गुलाबझा,शंकरनाथपाठक,विनोदझा,पवनभारती,शत्रुघ्नझा,ललितकुमारझासहितअन्यलोगोंनेविचारप्रकटकिया।आगतअतिथिकोसंस्थानकीओरसेपागडोपटासेसम्मानितकियागया।कार्यक्रमकेअध्यक्षताप्रो.मदनकुमारझानेकियाजबकिमंचसंचालनराधेभाईनेकिया।स्वागतभाषणउद्यानपंडितकमलकुमारझानेकिया।रंगारंगसांस्कृतिककार्यक्रममेंरातभरसराबोरहोतेरहेश्रोता:मिथिलांचलसर्वागीणविकाससंस्थानकेद्वाराआयोजितमिथिलाविभूतिपर्वकेसमापनकेअवसरपरसुप्रसिद्धगायकमिथिलारत्नकुंजबिहारी,जूलीझा,ज्योतिप्रिया,सुभद्राझा,राधेभाई,अरविंदसिंह,प्रियाचौधरी,वर्षाझा,गोपालझा,आलोकझा,अमरेंद्रझा,दिलीपकुमारमंडलसहितअन्यकलाकारोंनेअपनेगीतोंकेमाध्यमसेरातभरश्रोताओंकोझुमातेरहे।रंगारंगसांस्कृतिककार्यक्रममेंलोकप्रियगीतोंकेबीचश्रोताओंरातभरगंगायमुनीकीधारामेंसराबोरहोकरडुबकीलगातेरहे।मंचकेउद्घोषकराधेभाईनेश्रोताओंकोअपनेचुटकुलेसेहंसातेहंसातेलोटपोटकरतेरहे।तीनदिवसीयमिथिलाविभूतिस्मृतिपर्वसमारोहकासमापनहोगया।