राहत की सांस

उत्तराखंडमेंअरसेबादपुलिसमहकमाराहतकीसांसलेरहाहै।ऐसानहींकिपुलिसकीचुनौतियांकमहोगईहैं,बल्किराहतइसमायनेमेंकिउसकेपासथानोंमेंतैनातकरनेकेलिएठीक-ठाकसंख्यामेंमहिलासिपाहीउपलब्धहोगईहैं।हालियादिनोंमेंमहकमेकोतकरीबनएकहजारमहिलासिपाहीमिलेहैं।दीक्षांतपरेडकेबादयेराज्यपुलिसबलकीमुख्यधारामेंशामिलहोचुकीहैं।परिणामस्वरूपअबप्रत्येकथानेऔरचौकीमेंकमसेकमचार-चारमहिलासिपाहीदिन-रातड्यूटीदेसकेंगी।यद्यपिदेशकेसापेक्षउत्तराखंडकीतस्वीरपहलेभीअच्छीथी।जहांदेशमेंसातप्रतिशतमहिलाएंपुलिसमेंशामिलहैं,वहींउत्तराखंडमेंग्यारहप्रतिशतसेज्यादामहिलाएंपुलिसमेंसेवादेरहीहैं।

इसमामलेमेंउत्तराखंडदेशमेंतीसरेस्थानपरहै।बावजूदइसकेथाने-चौकियोंमेंचौबीसोंघंटेमहिलापुलिसकीतैनातीमहकमेकेलिएचुनौतीबनाहुआथा।किसीसेछिपानहींकिअपराधोंकाट्रेंडलगातारबदलरहाहैं।महिलाअपराधोंकीसंख्यामेंइजाफाहोरहाहै।विभिन्नप्रकरणोंमेंअदालतोंऔरमहिलाआयोगोंकेस्तरसेथानोंमेंइसप्रकारकेप्रकरणोंकीशिकायतसुननेकेलिएहरवक्तमहिलापुलिसकर्मीकीतैनातीकेआदेशदिएजाचुकेहैं।लेकिनफिलवक्ततमामकारणोंसेइनआदेशोंकाअनुपालननहींहोपारहाहै।कुछरोजपहलेहीनैनीतालहाईकोर्टनेएकजनहितयाचिकापरसुनवाईकरतेहुएराज्यसरकारकेगृहसचिवकोइसीतरहकेआदेशोंकीअवमाननापरनोटिसभीजारीकियाथा।

अबचूंकिविभागकेपासपर्याप्तसंख्यामेंमहिलासिपाहीउपलब्धहैं,लिहाजाइसतरहकेआदेशोंकेअनुपालनसेबचनेकाकोईबहानाभीउसकेपासनहींरहगयाहै।उम्मीदकीजानीचाहिएकिअबप्रत्येकथानेऔरचौकीपरमहिलाओंकीशिकायतसुननेकीव्यवस्थामेंसुधारहोगा।अगलेतीनमहीनेकेअंतरालमेंचौवनमहिलादारोगाभीपासआउटहोकरमुख्यधारामेंशामिलहोजाएंगी,यहभीमहकमेकेलिएबड़ीराहतहोगी।इससेमहिलाअपराधोंकेसंगीनमामलोंकीजांचमेंतेजीआएगीऔरपीड़ितोंकोन्यायकेलिएकमइंतजारकरनापड़ेगा।हां,यहांएकबातकाजिक्रकरनाजरूरीहैकिमहकमेकोथानेऔरचौकियोंकामाहौलभीबदलनाहोगा।शिकायतकर्ताकेसाथअपराधियोंजैसासुलूकपुलिसकीसाखपरबट्टालगारहाहै।इसपरगंभीरतासेमंथनकरनेकीजरूरतहै।

(स्थानीयसंपादकीयउत्तराखंड)